कलेक्टोरेट में बुधवार को कलेक्टर गाइडलाइन पर बैठक हुई। इसमें उपमूल्यांकन समिति द्वारा शहर की 30 से ज्यादा लोकेशन पर 5 से 10 फीसदी प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे खारिज कर दिया गया। जबकि एक अप्रैल से शहरी क्षेत्रों में रजिस्ट्री के लिए मकान की निर्माण लागत (कंस्ट्रक्शन कॉस्ट) सीधे 50% तक बढ़ा दी गई है। ऐसे में शहरों में कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ने पर रजिस्ट्री के वक्त मकान खरीदने पर ज्यादा राशि चुकाना होगी।
नई कंस्ट्रक्शन कॉस्ट केवल आरसीसी निर्माण पर ही लागू होंगी। आरबीसी, चिप गार्डर फर्शी की छत, एसबेस्टस शीट, टीन शीट, अंग्रेजी टाइल्स की छत, कच्चा व कवेलू निर्माण पर नई दरें लागू नहीं होंगी। बैठक में जिला मूल्यांकन समिति के सचिव और वरिष्ठ जिला पंजीयक प्रभाकर चतुर्वेदी ने कहा कि शासन ने प्रॉपर्टी की कीमतें नहीं बढ़ाने के दिशा-निर्देश जारी किए थे, इसलिए शहर में प्रॉपर्टी के दाम नहीं बढ़ाए जा रहे हैं।
20 मार्च तक परी बाजार रजिस्ट्री दफ्तर में आप दे सकते हैं लिखित सुझाव
यदि कलेक्टर गाइडलाइन के संबंध में अपने सुझाव देना चाहता हैं तो 20 मार्च शाम 5 बजे तक परी बाजार रजिस्ट्री दफ्तर में लिखित में दे सकते हैं। इसके बाद यह सुझाव और जिला मूल्यांकन समिति के प्रस्ताव केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड भेजे जाएंगे।
टारगेट....
पंजीयन विभाग के अफसरों ने बताया कि शासन ने 2019-20 के लिए 829 करोड़ रुपए आय का लक्ष्य दिया है, जबकि अभी तक 687 करोड़ रुपए की आय रजिस्ट्री से मिलने वाली स्टांप ड्यूटी से हुई है। शेष 13 दिन में 142 करोड़ का टारगेट पूरा करना है। इसके लिए रविवार को छुट्टी के दिन भी रजिस्ट्री दफ्तर खोले जा रहे हैं।
असर : 750 वर्गफीट का निर्माण खर्च 37.5 हजार रु. बढ़ा
अभी : शहर में कलेक्टर गाइडलाइन से 1000 वर्गफीट के प्लॉट की कीमत 20 लाख है। कंस्ट्रक्शन एरिया 750 वर्गफीट होता है। 800 रु. वर्गफीट के हिसाब से इसकी निर्माण लागत 6 लाख होगी। ऐसे में घर की कुल कीमत 26 लाख रु. होती है। रजिस्ट्री खर्च 12.5% के हिसाब से 3.25 लाख होगा।
1 अप्रैल से
कलेक्टर गाइडलाइन पुरानी रहेगी, लेकिन प्रति वर्गफीट कंस्ट्रक्शन कॉस्ट 1200 रु. हो जाएगी। इससे कंस्ट्रक्शन लागत 9 लाख रु. होगी। घर की कीमत 29 लाख हो जाएगी। 12.5% के हिसाब से रजिस्ट्री का खर्च 3.62 लाख रुपए होगा।